Srijan....सृजन
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Wednesday, 13 January 2016
Srijan....सृजन: मेरा एक अभी उपजा मुक्तक:
Srijan....सृजन: मेरा एक अभी उपजा मुक्तक:
: आज कुछ वक़्त,बदला सा लगे है. वह भला इंसान, पगला सा लगे है. आंख जैसी कल थी, वैसी है मगर, सूर्य का प्रकाश,धुंधला सा लगे है. @डा.रघुनाथ मिश...
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