देशवासियों
को लोढ़ी की हार्दिक बधाई.
आज पूरा देश लोढ़ी पर्व धूम-धाम से मना रहा है. ये पर्व हमें सन्देश देते हैं कि हम इन्सान को इंसान के रूप में देखें और सभी को आपस में एक पारिवारिक सदस्य के रूप में व्यवहार करे.
लोढ़ी - सन्देश (मुक्तक)
000
आज लोढ़ी पर्व को हम यूँ मनाएं.
प्यार की बगिया दिलों में हम सजाएँ.
नफरतों की फसल खेतों में न उपजे,
भेद - भावों के सभी गढ़- मठ ढहाएं.
-डॉ.रघुनाथ मिश्र 'सहज'
आज पूरा देश लोढ़ी पर्व धूम-धाम से मना रहा है. ये पर्व हमें सन्देश देते हैं कि हम इन्सान को इंसान के रूप में देखें और सभी को आपस में एक पारिवारिक सदस्य के रूप में व्यवहार करे.
लोढ़ी - सन्देश (मुक्तक)
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आज लोढ़ी पर्व को हम यूँ मनाएं.
प्यार की बगिया दिलों में हम सजाएँ.
नफरतों की फसल खेतों में न उपजे,
भेद - भावों के सभी गढ़- मठ ढहाएं.
-डॉ.रघुनाथ मिश्र 'सहज'
१३/०१/१६
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