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Wednesday 13 January 2016

चुनिन्दा दोहे :मेरे गुरुदेव से

डॉ.रघुनाथ मिश्र 'सहज'  के  चुनिन्दा  दोहे :
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मेरे गुरुदेव से:
मेरे  जीवन   को   दिया,  ऐसा  इक   अवदान.
जीवन बोझ न रह गया, हुआ 'सहज' आसान.
गुरुवर तेरी कृपा से, अब धरती    -   आकाश.
जड़- चेतन-जल-थल सभी, हैं लगते मधुमास.
जीवन की कठिनाइयां, अब लगतीं   मनमीत.
क्रंदन पहले का  अभी, लगता सुन्दर    गीत.
हे  

मेरे गुरुदेव  तुम,    दो     ऐसा    वरदान.
क्रोध-मोह का नाश हो, सुख-दुख लगें समान.
गुरुवर तुमसे मांगता, शक्ति - बुद्धि और ज्ञान.
सेवा में सब कुछ जंचे,'सहज' मान- सम्मान.
-डॉ.रघुनाथ मिश्र 'सहज

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