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Saturday, 27 July 2013

दोहा

दोहा:
यश-अपयश को भूल जा, कर जीवन साकार.

खुदगर्जी को त्याग कर,  ही मिलता  आधार.
डा.रघुनाथ मिश्र 'सहज'

1 comment:

  1. बहुत सुंदर..
    http://prathamprayaas.blogspot.com

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