Followers

Monday 22 July 2013

दो छणिकाएं

दो छणिकाएं


आंसू 
पी गया हूँ 
मतलब 
गम खा गया हूँ 
ख़ुशी 
महफूज़  रहे कैसे 
वही करना /वैसे ही रहना 
सीख गया  हूँ 
        ००० 

प्यार 
 दिल में होता है 
अन्दर है तो 
पवित्र/ असली/ सर्वाधिक शक्तिशाली 
इज़हार  ज़रूरी  नहीं 
आँखों में दिख जाय 
बिना संवाद  समझ में आ जाय 
वही है 
नि:स्वार्थ/ असली/ निश्छल 
प्यार 
                     ००० 
डा. रघुनाथ मिश्र  'सहज'

No comments:

Post a Comment