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Wednesday, 29 January 2014

Love: इंतज़ार

Love: इंतज़ार: इंतज़ार कि घड़ियाँ गिनते - गिनते , प्रीत कि ओढ़नी ओढे मन दुल्हन सा हो गया है , मिलन कि आस लिए बस दरवाज़े पर टक - टकी लगाये पहरा देते...

1 comment:

  1. apne meri panktiyan yahan kyu paste ki mujhe samajh nahi aya ....???

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