( १
)
पालक
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माता -
पिता श्रेष्ट हैं पालक.
यही असल में हैं संचालक.
'सहज' ऋणी इनके हम रहते,
भले बनें हम छिति-जल-पावक .
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(२)
घालक
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घालक नहीं बनें
पालक के.
अड़चन नहीं बनें साधक
के.
जीवन होगा निश्चित
सार्थक,
'सहज' उद्धरण बन मानक के.
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@डॉ.रघुनाथ मिश्र 'सहज'
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